वित्र की नमाज़ | witr ki namaz in hindi
वित्र की नमाज़ Third party image reference वित्र की नमाज वाजिब है । अगर किसी वजह से वित्र की नमाज वक़्त के अन्दर नहीं पढ़ी तो वित्र की कज़ा पढ़नी वाजिब है । ( आलमगीरी जि . 1 स . 104 वगैरह ) नमाजे वित्र तीन रकअतें एक सलाम से हैं । दो रकअत पर बैठे और सिर्फ अत्तहिय्यात पढ़ कर तीसरी रकअत के लिए खड़ा हो जाये और तीसरी रकअत में अल्हम्द और सूरह पढ़े फिर दोनों हाथ कानों की लौ तक उठाये और अल्लाहु अक्बर कह कर फिर हाथ बांध ले और दुआए कुनूत पढ़े । जब दुआए कुनूत पढ़ चुके तो अल्लाहु अक़्बर कह कर रुकूअ करे और बाकी नमाज़ पूरी करे | दुआए कुनूत यह है --- दुआ़ए क़ुनूत Third party image reference मसला : - जो दुआएकुनूत न पढ़ सके तो वह यह दुआ पढ़े---और जिस से यह भी न हो सके तो तीन मर्तबा अल्लाहुम्मगफिरली पढ़ ले उसकी वित्र अदा हो जाएगी । ( आलमगीरी जि . 1 स . 104 ) मसला : - दुआए कुनूत वित्र में पढ़ना वाजिब है । अगर भूल कर दुआए । कुनूत छोड़ दे तो सज्दए सह्व करना ज़रूरी है । और अगर कस्दन छोड़ दिया है तो वित्र को दोहराना पड़ेगा । ( आलमगीरी जि . 1 स . 10...

Mashallah bhut acchey post..mere blog pr bhi alhamdulillah maine namaz ka tarika Or uski fazilatey likhey hai
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