अहकामे मस्जिद का बयान | Ahkame mszid ka bayaan in hindi
अहकामे मस्जिद का बयान Third party image reference जब मस्जिद में दाखिल हो तो दुरूद शरीफ पढ़ कर पढ़े और जब मस्जिद से निकले तो दुरूद शरीफ के बाद पढ़े । मसला : - मस्जिद की छत का भी मस्जिद ही की तरह अदब व एहतेराम लाजिम है । बिला जरूरत मस्जिद की छत पर चढ़ना ' मकरूह है । ( बहारे शरीअत जि , 3 स . 178 ) मसला : - बच्चे को और पागल को जिन से गन्दगी का गुमान हो मस्जिद में ले जाना हराम है । और नजासत का डर न हो तो मकरूह है । मसला : मस्जिद का कूड़ा झाड़ कर ऐसी जगह डाले जहां बे अदबी न हो । मसला : - नापाक कपड़ा पहन कर या कोई भी नापाक चीज़ लेकर मस्जिद में जाना मना है । यूंही नापाक तेल मस्जिद में जलाना , या नापाक गारा मस्जिद में लगाना मना है । मसला : - वुजू के बाद बदन का पानी मस्जिद में झाड़ना या मस्जिद में थूकना या नाक साफ़ करना नाजाइज़ है । ( आलमगीरी जि . 1 स . 103 ) मसला : - मस्जिद में इन आदाब का लिहाज़ रखे - ( 1 ) जब मस्जिद में दाखिल हो तो सलाम करे | बशर्ते कि जो लोग वहां मौजूद हों ज़िक्र व दर्स में मश्गूल न हों । और अगर कोई वहां न हो या जो लोग वहां हैं वह जिक्र व दर